तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला सुनाने के बाद शायरा बानो की खुशी का ठिकाना नहीं था। शायरा बानो वही महिला हैं, जिन्होंने इस मुद्दे पर बड़ी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार जीत हासिल की। वह इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता हैं। उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो की शादी 2001 में हुई थी और 10 अक्टूबर 2015 को उनके पति ने उन्हें तलाक दे दिया था। शायरा ने कोर्ट में दी अर्जी में कहा था कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।